कुछ तो वो उम्र ही ऐसी थी और कुछ हम ज्यादा नालायक भी थे कि अंग्रेजी की किताबों से ढूंढ-ढूंढकर इरॉटिक हिस्से पढ़ते और कंबल में मुंह छिपाकर हंसते. वो लाइब्रेरी से 'लेडी चैटर्लीज लवर' खासतौर से इसलिए लेकर आई थी कि उसके कुछ विशेष हिस्सों पर गौर फरमाया जा सके.from Latest News कल्चर News18 हिंदी http://bit.ly/2ZvAlmC
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